कृषि एवं व्यवसाय
गाँव का जमीन दोमत मिट्टी होने की वजह से यहाँ की जमीन कुछ हद तक उपजाऊ है
जिसमें धान, गेहूँ, मक्का के अतिरिक्त अन्य खाद्यान्न एवं दलहन तथा तिलहन का अच्छा उत्पादन होता
है।
सघन जनसंख्या एवं खेतों का आकार छोटा होने से कृषि का व्यवसायिक रूप नहीं दिखाई देता लेकिन तम्बाकू, मिर्च, सब्जी आदि उगाकर कुछ लोग आर्थिक मदद प्राप्त कर लेते हैं।
सघन जनसंख्या एवं खेतों का आकार छोटा होने से कृषि का व्यवसायिक रूप नहीं दिखाई देता लेकिन तम्बाकू, मिर्च, सब्जी आदि उगाकर कुछ लोग आर्थिक मदद प्राप्त कर लेते हैं।
सिंचाई के लिए इंद्रदेव की कृपा पर लोग निर्भर हैं। गाँव के उत्तरी सीमा से
गुजरने वाली नहर का उद्धार कर कृषि में खुशियाली लाई जा सकती है।
निजी क्षेत्रों में वागबानी तथा वानिकी का अच्छा विकास हुआ है और गाँव में पर्याप्त हरियाली है। आम, लीची, पाकड़, सीसम के अलावे ताड़ और केले सर्वत्र दिखाई देते हैं।
अधिकांश लोगों ने कृषि को व्यवसाय रुप में अपना रखा है लेकिन भूमिहीन लोगों के लिए मजदूरी, दुकानदारी या छोटा व्यवसाय ही जीविका का साधन है।
सरकारी नौकरी करना गौरव की बात समझा जाता है इसलिए शिक्षा प्राप्त कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लग जाना आम बात है।
निजी क्षेत्रों में वागबानी तथा वानिकी का अच्छा विकास हुआ है और गाँव में पर्याप्त हरियाली है। आम, लीची, पाकड़, सीसम के अलावे ताड़ और केले सर्वत्र दिखाई देते हैं।
अधिकांश लोगों ने कृषि को व्यवसाय रुप में अपना रखा है लेकिन भूमिहीन लोगों के लिए मजदूरी, दुकानदारी या छोटा व्यवसाय ही जीविका का साधन है।
सरकारी नौकरी करना गौरव की बात समझा जाता है इसलिए शिक्षा प्राप्त कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी में लग जाना आम बात है।
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