सिकन्दरा।। सिकंदरा प्रखंड के कुमार स्थित प्रसिद्ध शक्ति पीठ मां नेतुला मंदिर में मंगलवार को जहां 550 बच्चों का मुंडन संस्कार हुआ वहीं 500 बकरों की बलि दी गई। ज्ञात हो कि इस प्रसिद्ध मंदिर में सालोभर मुंडन एवं बलि का कार्य मां के भक्तों द्वारा किया जाता है।
इस प्राचीन मंदिर में बलि प्रथा का महत्व काफी प्राचीन है। आज से 3400 वर्ष पूर्व लछुआड़ से
निकलते वक्त भगवान महावीर इस पवित्र भूमि पर पहुंचे थे जहां उनकी बुआ त्रिशला
तपस्या में लीन थी।
भगवान महावीर अपने बुआ से साधना के लिए आशीर्वाद मांगा। बुआ ने कहा कि
तुम्हारी तपस्या तभी सफल होगी जब तुम अपने बदन पर से माया का जाल उतार दोगे। वहीं
महावीर बुआ की बातों को ध्यान में रखकर वस्त्र मां नेतुला मंदिर में स्थित वट
वृक्ष के नीचे उतार कर रख दिया और निर्वस्त्र होकर तपस्या के लिए चल दिए।
यहीं से भगवान महावीर श्वेताम्बर से दिगम्बर इसका वर्णन जैन धर्म के शास्त्र
कल्पसूत्र में वर्णित है। मां काली का गुणगान मंदिर सचिव कृष्णनंदन सिंह एवं पूर्व
मुखिया हरदेव सिंह ने भी किया है।
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